सरकारी नौकरी किसी खजाने से कम तो नहीं होती है अगर यह मिल जाए तो जमाने भर की खुशियां मिल जाती है और जब आप मेडिकल प्रोफेशन में जबरदस्त मेहनत करके एमबीबीएस कंप्लीट करते हैं और उसके बाद गवर्नमेंट जॉब में प्लेसमेंट मिल जाए तो क्या कहना जितने भी मेडिकल एस्परेंस जो एमबीबीएस की तैयारी करने वाले हैं कर रहे हैं या कर चुके हैं उनको जानकर खुशी होगी कि आप स्टेट गवर्नमेंट और सेंट्रल गवर्नमेंट दोनों में करियर बना सकते हैं आज हम आपको इसी के बारे में बताने वाले है की MBBS के बाद गवर्नमेंट जॉब कैसे करें?
State Government Jobs after MBBS
सबसे पहले हम शुरुआत करते हैं state government jobs के साथ जिसमें पहला रोल है
Medical Officer
यह ट्रेड हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स होते हैं जो कि अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई बैचलर्स डिग्री इन मेडिसिन या नर्सिंग के बाद मरीजों की मेडिकल कंडीशंस को डायग्नोज करते हैं उनका इलाज करते हैं और पेशेंट्स को मैनेज करते हैं अब आमतौर पर इन्हें हेल्थ केयर सेंटर्स पर बैठना होता है और वहां के स्टाफ को भी एडवाइस देनी होती है तो इनमें अच्छी स्पीकिंग स्किल्स अंडर प्रेशर काम करने की काबिलियत और मेडिकल सेक्टर में प्रोफिशिएंसी रखनी ड़ती है मेडिकल ऑफिसर भी अलग-अलग तरह के होते हैं जैसे –
- Public Health Medical Officer
- Medical Research Officer
- Medical Review Officer
- Medical Officer in The Armed Forces
- Medical Officer in Hospitals
एमबीबीएस के अलावा बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी और बैचलर इन होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी करके भी मेडिकल ऑफिसर बना जा सकता है मेडिकल ऑफिसर बनने के लिए Medical Sciences, Anatomy, Physiology, Pharmacology, Pathology जैसे एरियाज की जानकारी आपको होनी चाहिए सही इलाज और दवाइयां प्रिस्क्रुटनी पेशेंट्स के साथ डील करना आपको आना चाहिए अगर आप अपने राज्य में मेडिकल ऑफिसर का जॉब ढूंढ रहे हैं तो अपने राज्य में राज्य सरकार की मेडिकल वेबसाइट या स्टेट सर्विस कमीशन की वेबसाइट और नोटिफिकेशन देख सकते हैं एक मेडिकल ऑफिसर की सैलरी ₹ 6लाख से लेकर के ₹11 लाख या उससे भी ज्यादा जाती है अलग-अलग राज्यों में क्वालिफिकेशन एक्सपीरियंस और सीनियरिटी के लिहाज से एनुअल पे स्केल अलग-अलग हो सकता है
Chief Medical Officer
चीफ मेडिकल ऑफिसर या सीएमओ को कहीं-कहीं डिस्ट्रिक्ट मेडिकल ऑफिसर भी कहते हैं जो पूरे जिले का हेल्थ ऑफिसर होता है और जिले में चल रहे सरकारी हॉस्पिटल्स की निगरानी देखभाल ओवरऑल ऑपरेशंस की जिम्मेदारी इन्हीं की होती है इनकी जिम्मेदारियों में हेल्थ सर्विस का बजट प्लान करना जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर डिलीवर करना हेल्थ सर्विस की मॉनिटरिंग करना मेडिकल सप्लाई बरकरार रखना हेल्थ सेंटर्स को टेक्निकल गाइडेंस और सपोर्ट देना जिले में फाइनेंशियल सपोर्ट को सुनिश्चित करना नेशनल हेल्थ पॉलिसी को समझाना हेल्थ से जुड़े इश्यूज पर एडवाइस देना जरूरी मैनपावर को ट्रेनिंग देना मेंटरिंग कोचिंग प्रमोशंस लीव और स्टाफ का असेसमेंट करना हेल्थ रिसर्च करवाना कोड ऑफ कंडक्ट और एथिक्स का पालन करवाना और गवर्नमेंट को जरूरी पोर्ट्स देना आदि शामिल है
डिस्ट्रिक्ट लेवल पर पब्लिक हेल्थ एंड सेफ्टी के लिहाज से कोई भी स्टेप लेना है जैसे कि डेंगू की रोकथाम गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स में बेड की कमी को दूर करना स्टेट और सेंट्रल गवर्नमेंट के द्वारा बनाई गई मेडिकल पॉलिसीज को डिस्ट्रिक्ट लेवल पर लागू करवाना तो यह सभी काम सीएमओ या डीएमओ का ही होता है
क्वालिफिकेशन के तौर पर एमबीबीएस की डिग्री मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया या स्टेट मेडिकल काउंसिल में रजिस्ट्रेशन मेडिकल प्रैक्टिस के लिए एक वैलिड लाइसेंस और हेल्थ केयर सेक्टर में 10 साल का एक्सपीरियंस और मैनेजरियल या एडमिनिस्ट्रेटिव रोल पर 5 साल का एक्सपीरियंस चाहिए होता है डिस्ट्रिक्ट मेडिकल ऑफिसर की सैलरी भी 2 लाख से 12₹ लाख के बीच होती है जो क्वालिफिकेशन और एक्सपीरियंस के हिसाब से और भी ज्यादा हो सकती है
Civil Surgeon
सिविल सर्जन एमबीबीएस और मेडिकल में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ले चुके कैंडिडेट्स अप्लाई कर सकते हैं जिनके पास 5 साल का एक्सपीरियंस होना चाहिए उम्र 18 से 38 साल होनी चाहिए और अलग-अलग कैटेगरी में छूट भी मिलती है इसके लिए कैंडिडेट के पास कम से कम 5 साल का वर्किंग एक्सपीरियंस होना चाहिए जिसमें मिनिमम 3 साल ऐसे हॉस्पिटल में काम करने का अनुभव होना चाहिए जिसमें मरीजों के लिए 30 से ज्यादा बैट्स हो वैसे अलग-अलग राज्यों में डिस्ट्रिक्ट मेडिकल ऑफिसर या चीफ मेडिकल ऑफिसर का सिलेक्शन प्रोसेस काफी अलग-अलग होता है जैसे झारखंड मेडिकल ऑफिसर उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन मेडिकल ऑफिसर एमपीएससी मेडिकल ऑफिसर सीजीपीएससी कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर ओबीएससी होम्योपैथिक मेडिकल ऑफिसर वगैरह वगैरह इन सभी पोजीशंस के लिए एग्जाम होते हैं और क्वालिफाइड कैंडिडेट्स को इंटरव्यू के बाद रिक्रूट किया जाता है यह एग्जाम्स राज्य के पब्लिक सर्विस कमीशन या स्टेट मेडिकल सिलेक्शन बोर्ड के द्वारा लिए जाते
Central Government Jobs after MBBS
अब सेंट्रल गवर्नमेंट में अवेलेबल अपॉर्चुनिटी की अगर हम बात करें तो इसका सबसे पॉपुलर मीडियम है यूपीएससी का कंबाइंड मेडिकल सर्विस सीएमएस एग्जाम हर साल जुलाई में कंडक्ट होता है एमबीबीएस क्वालिफाइड कैंडिडेट्स इस एग्जाम को दे सकते हैं और इसके जरिए ग्रुप ए और ग्रुप बी मेडिकल ऑफिसर्स को रिक्रूट किया जाता है अप्रैल में इसकी नोटिफिकेशन आ जाती है और ऑनलाइन एप्लीकेशन देनी होती है यूपीएससी सीएमएस की मैक्सिमम एज लिमिट है 32 साल और कैटेगरी वाइज उम्र में छूट भी दी जाती है फेस टू में पर्सनालिटी टेस्ट और उसके बाद क्यूमेंट वेरिफिकेशन होता है इसके रिटर्न टेस्ट के पेपर फर्स्ट में जनरल मेडिसिन और पीडियाट्रिक्स से सवाल आते हैं टोटल मार्क्स होते हैं 250 और टोटल टाइम 2 घंटे
वहीं सेकंड पेपर में सर्जरी प्रिवेंट एंड सोशल मेडिसिन और गायनेकोलॉजी एंड ऑब्स्ट िक्स से सवाल आते हैं यहां पर भी 2 घंटे में 250 मार्क्स के क्वेश्चन सॉल्व करने होते हैं सीएमएस को क्वालीफाई करने पर इंडियन रेलवे में असिस्टेंट डिवीजनल मेडिकल ऑफिसर का पोस्ट मिलता है वहीं सेंट्रल हेल्थ सर्विस में मेडिकल ऑफिसर्स ग्रेड वाली पोस्ट पर जनरल ड्यूटी मेडिकल ऑफिसर्स को रिक्रूट किया जाता है इन दोनों ही पोस्ट पर ₹ 56100 से कर के ₹ 77500 की सैलरी मिलती है इसके अलावा म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ऑफ दिल्ली में जनरल ड्यूटी मेडिकल ऑफिसर ग्रेड टू सेंट्रल हेल्थ सर्विस में जूनियर स्केल मेडिकल ऑफिसर और इंडियन ऑर्डिनेंस फैक्ट्री हेल्थ सर्विस में सिस्टेंट मेडिकल ऑफिसर का रोल भी मिलता है
वैसे इन सभी ऑफिसर्स को एक्सपीरियंस के हिसाब से प्रमोशन पेंशन और ग्रेच्युटी मिलती है वैसे इसके अलावा कंबाइंड फोर्सेस में भी डॉक्टर्स अपॉइंट्स पर रिटन एम होते हैं और इंटरव्यू के बाद कैंडिडेट्स का सिलेक्शन होता है एमबीबीएस क्वालिफाइड इन सभी डॉक्टर्स को इंडियन आर्मी इंडियन नेवी और बाकी डिफेंस फोर्सेस को सर्व करने का चांस मिलता है कैंडिडेट्स का स्टेट मेडिकल काउंसिल या मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया का मेंबर होना जरूरी होता है आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल सर्विस के अंडर 11 से 12 लाख की एनुअल सैलरी होती है और इंडियन आर्मी नेवी और एयरफोर्स में कैप्टन मेजर कमांडर जैसे ऑफिसर रैंक पर तैनाती भी मिलती है और इसके साथ ही एडिशनल बेनिफिट्स भी मिलते हैं