आज हम Government Job vs Private Job के बारे में बात करने वाले है कि आपको इन दोनो में से कौन सी जॉब करनी चाहिए हम यहां पर किसी एक जॉब को अच्छा या बुरा नही बताने वाले है बल्कि आप अपने इंटरेस्ट के अनुसार कौन सी जॉब आपको करनी चाहिए बताने वाले है
Government Job vs Private Job
हम आपको कुछ की प्वाइंट बताने वाले है जिन्हे जानकर आप अपने लिए बेस्ट जॉब सेक्टर को जान सकते है
Job Security
जहां तक बात है जॉब सिक्योरिटी की तो गवर्नमेंट सेक्टर के मुकाबले प्राइवेट सेक्टर में जॉब सिक्योरिटी काफी कम है प्राइवेट सेक्टर में अगर आप परफॉर्म नहीं कर पा रहे हैं अपने टारगेट को अचीव नहीं कर पा रहे हैं अपना केआर यानी की रिस्पांसिबिलिटी एरिया पूरा नहीं कर पा रहे हैं तो आपको जॉब से हटाया जा सकता है कंपनी अगर घाटे में है किसी डिपार्टमेंट में जरूरत से ज्यादा एंप्लॉयज हैं और आप सबसे कमजोर कड़ी हैं तो भी जॉब जाने का खतरा रहता है अगर मंदी आ गई तो कॉस्ट कटिंग के नाम पे किसी देश में कंपनी का बिजनेस नहीं चल रहा है तो उस सूरत में भी लोगों की नौकरी जाती है और तो और अभी एआई और ऑटोमेशन आने के चलते भी प्राइवेट सेक्टर में नौकरियां जा रही हैं धोखाधड़ी, रिश्वत लेना, सेक्सुअल हरासमेंट और हनी ट्रैप में फंसकर देश की जानकारी दुश्मन देश को भेजना माफिया या क्रिमिनल कनेक्शन होना जैसी बात सामने आती है तो एक गवर्नमेंट सर्वेंट की नौकरी जा सकती है और सजा भी हो सकती है
Salary
सैलरी स्ट्रक्चर को देखें तो प्राइवेट सेक्टर कई बार शुरुआती सैलरी गवर्नमेंट सेक्टर के मुकाबले ज्यादा होती है पर गवर्नमेंट जॉब्स में पीएफ, छुट्टियां, सरकारी क्वार्टर, मेडिकल लीव, मेडिकल ट्रीटमेंट, सरकारी बंगला गाड़ी बिजली कनेक्शन गुजारा भत्ता पेंशन आदि जैसी सुविधाएं गवर्नमेंट जॉब को एक बेहतर चॉइस बनाती है क्लास ए गवर्नमेंट जॉब्स जैसे आईएएस, आईपीएस और आईएफएस के साथ तो नाम रुतबा और सुविधाओं की कोई कमी ही नहीं होती लेकिन हमेशा ना ऐसा नहीं होता प्राइवेट सेक्टर में एक कैंडिडेट अपने टैलेंट नॉलेज और स्किल के दम पर लाखों करोड़ों की सैलरी भी पा सकता है हर साल आईआईटी और आईआईएम ग्रेजुएट्स में से टॉप के कई कैंडिडेट्स को करोड़ों का पैकेज भी मिलता है इसके अलावा दूसरे कई सेक्टर्स में एक प्राइवेट एंप्लॉई एमडी सीओओ सीईओ बिजनेस हेड कंट्री हेड जैसी पोस्ट तक पहुंचकर एक गवर्नमेंट एंप्लॉई को भी पीछे छोड़ देता है
Work Life
एक प्राइवेट सेक्टर एंप्लॉई की अगर वर्क लाइफ बैलेंस की बात करें तो यहां पर भी गवर्नमेंट जॉब्स वाले बाजी मार जाते हैं और प्राइवेट सेक्टर में एंप्लॉयज को ज्यादा वर्किंग आवर्स मेंटल स्ट्रेस टारगेट का प्रेशर झेलना पड़ता है गवर्नमेंट जॉब्स में ज्यादा हॉलीडेज का फायदा भी मिलता है वहीं मैटरनिटी बेनिफिट अमेंडमेंट बिल 2017 के मुताबिक एक महिला सरकारी कर्मचारी 26 हफ्तों तक पेड मैटरनिटी लीव की हकदार होती है गवर्नमेंट जॉब में बेहतर वर्क लाइफ बैलेंस इसलिए भी मौजूद है क्योंकि गवर्नमेंट सेक्टर स्लो पेस में आगे बढ़ता है वहीं प्राइवेट सेक्टर में चेंजेज बहुत जल्दी इंप्लीमेंट किए जाते हैं एंप्लॉयज को बदलते ट्रेंड के साथ तालमेल बिठाना पड़ता है नई टेक्नोलॉजीज के साथ एडजस्ट करना पड़ता है कंपटीशन फेस करना पड़ता है और इन्हीं वजहों से वह अपनी फैमिली दोस्तों और पर्सनल लाइफ को ज्यादा अच्छी तरीके से वक्त नहीं दे पाते हैं
लेकिन सिर्फ यह कह देना कि प्राइवेट सेक्टर एंप्लॉयज ही मेंटल हेल्थ से जुड़ी प्रॉब्लम को फेस करते हैं यह गलत है गवर्नमेंट एंप्लॉयज को भी मेंटल स्ट्रेस होता है जैसे पुलिस अकाउंटेंट्स ट्रैफिक कंट्रोलर लॉयर्स और फिजिशियंस वगैरह है वेस्ट बंगाल पुलिस पर किए गए एक सर्वे के अकॉर्डिंग रोल ओवरलोड रोल कॉन्फ्लेट पावरलेसनेस और पॉलिटिकल प्रेशर के चलते पुलिस वाले मॉडरेट और हाई साइकोलॉजिकल स्ट्रेस को झेलते हैं
Career Growth
करियर ग्रोथ को सेंटर पॉइंट बनाकर अगर कंपेयर किया जाए तो प्राइवेट सेक्टर में करियर ग्रोथ की गति तो बहुत ही तेज है प्राइवेट सेक्टर में कैंडिडेट को उनकी पोटेंशियल नॉलेज स्किल्स लीडरशिप टीम बिल्डिंग फास्ट पेस लर्निंग एबिलिटी रेवेन्यू ड्रिवन आईडियाज रिस्क मैनेजमेंट जैसी अलग-अलग काबिलियत के दम पर जल्दी प्रमोशन मिलता है कई बार कंपनी में आया जूनियर भी अपनी एबिलिटीज के चलते अपने सीनियर का भी सीनियर बन जाता है लेकिन गवर्नमेंट जॉब्स में एक सिस्टम है जिसे फॉलो किया जाता है प्रमोशन भी उसी हिसाब से होता है एग्जांपल के लिए एक आईपीएस ऑफिसर पहले ASP, SP, AIG, SSP, और फिर डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस या डीजीपी बनता है लेकिन प्राइवेट सेक्टर में एंप्लॉयज का टैलेंट देखकर कई बार उन्हें सीधे बड़ी पोजीशन दे दी जाती है गवर्नमेंट सेक्टर में सरकार के तय किए गए मानकों के अकॉर्डिंग ही सैलरी मिलती है और बढ़ भी जाती है लेकिन प्राइवेट सेक्टर में एंप्लॉयज के पास कंपनी बदलकर अपनी सैलरी और पोस्ट दोनों बढ़ाने का ऑप्शन रहता है इनके अलावा वेरिएबल पे परफॉर्मेंस बेस्ड इंसेंटिव फॉरेन टूर जैसे अलग-अलग बेनिफिट भी प्राइवेट सेक्टर के एंप्लॉयज को मिलते रहते हैं
Social Impact
सोशल इंपैक्ट की बात की जाए तो गवर्नमेंट एंप्लॉयज का अपने समाज के ऊपर एक बड़ा असर दिखाई देता है यह शुरू होता है उसकी नौकरी लगने से लेकर और रिटायरमेंट के बाद भी चलता रहता है सबसे पहले तो गवर्नमेंट जॉब के साथ उस व्यक्ति की इमेज बेहतर हो जाती है क्योंकि लोग कहते हैं कि फलाने की सरकारी नौकरी लग गई है साथ ही घर परिवार दोस्त रिश्तेदार और आस पड़ोस के लोगों में उसकी नाक ऊंची हो जाती है और अगर वह व्यक्ति किसी दूर दराज के गांव से आता है तो वहां के बाकी स्टूडेंट्स और बच्चों के लिए वह एक इंस्पिरेशन का काम करता है वहीं प्राइवेट सेक्टर से भी ऊंची पदो पर पहुंचे लोग सोसाइटी के लिए कंट्रीब्यूट करते हैं पर ऐसे लोग गिने चुने ही मिलेंगे जैसे कि हाल ही में infosys के कोफाउंडर नंदन नीलेकणी ने आईआईटी बॉम्बे को 315 करोड़ का डोनेशन दिया था और जहां तक बात है एक वाइड वरायटी ऑफ करियर की तो उसका ऑप्शन प्राइवेट जॉब में ही मिल पाता है गवर्नमेंट सेक्टर के मुकाबले प्राइवेट सेक्टर ज्यादा जॉब्स जनरेट करता है और ज्यादा लोगों को एंप्लॉयमेंट देता है सर्विस सेक्टर कंपनीज की बात की जाए तो आईटी बैंकिंग और फाइनेंस सेक्टर ने सबसे ज्यादा जॉब जनरेट की थी फाइनेंशियल ईयर 2023 में इंडियन कंपनीज ने कुल 8.12 मिलियन नई जॉब्स क्रिएट की थी इनमें आईटी बैंकिंग और फाइनेंस सेक्टर का योगदान लगभग 48% पर था
वहीं गवर्नमेंट जॉब्स के ऊपर जो लोग प्राइवेट जॉब्स को इंपॉर्टेंस देते हैं उन्हें प्राइवेट सेक्टर में जो भी एडवांटेजेस दिखाई देते हैं वह है प्राइवेट सेक्टर में पार्ट टाइम कांट्रैक्ट बेसिस और रिमोट जॉब्स के ऑप्शंस भी मिलते हैं प्राइवेट सेक्टर का एक एंप्लॉई बड़े आराम से अपना करियर स्विच कर सकता है सेल्स वाला मार्केटिंग में जा सकता है या एक इंजीनियरिंग ग्रेजुएट एमबीए करके मैनेजरियल पोस्ट पर भी काम कर सकता है पर गवर्नमेंट सेक्टर में ऐसी डाइवर्सिटी बहुत ही कम देखने को मिलती है भले ही गवर्नमेंट जॉब्स में जॉब सिक्योरिटी होती हो पर प्राइवेट सेक्टर में सैलरी रेंज की कोई भी लिमिट नहीं है गवर्नमेंट ज्यादातर ओल्ड फैशंड दिखाई देता है वहीं प्राइवेट सेक्टर में यंग लोगों के साथ एक वाइब्रेंट कल्चर और एक शानदार वर्क एनवायरमेंट में काम करना हमेशा ही एक्साइटिंग होता है प्राइवेट सेक्टर में अपनी क्रिएटिविटी टैलेंट और स्किल्स को दिखाना और सेंटर ऑफ अट्रैक्शन बनना आसान होता है कम एज में भी एंप्लॉयज हाई ग्रोथ अचीव कर लेते हैं और एक रिमार्केटिंग कर पाते हैं
लोग अक्सर कहते हैं कि प्राइवेट सेक्टर में कंपनीज अपने एंप्लॉयज को जॉब से फायर कर देती हैं रातों-रात नौकरी चली जाती है पर गवर्नमेंट जॉब्स में दिन बदन नौकरियां घटती जा रही हैं यह भी एक सच्चाई है
अब तक के बताए इस कंपैरिजन से आपको काफी कुछ जानकारी मिल गई होगी पर आपको अपना करियर कहां बनाना है यह पूरी तरह से आपकी पर्सनल चॉइस है चाहे गवर्नमेंट सेक्टर हो या प्राइवेट सेक्टर दोनों जगह आप अपनी जिंदगी बना सकते हैं और दोनों जगह टिके रहने के लिए मेहनत करनी ही पड़ती है