अब यह तो आप जानते ही होंगे कि इंडियन आर्मी देश के बॉर्डर्स को सुरक्षित रखने में और यहां के सिटीजंस की सेफ्टी और सिक्योरिटी को बनाए रखने में बहुत अहम रोल अदा करती है लेकिन क्या आप यह भी जानते हैं कि इंडियन आर्मी वर्ल्ड की लार्जेस्ट और मोस्ट रिस्पेक्टेड आर्म्ड फोर्सेस में से एक है और इसमें करियर बनाना एक प्रेस्टीजियस और सेटिस्फैक्ट्रिली सी ऑफिसर्स पोस्ट ऑ डेजिग्नेशंस होती हैं जिनकी शुरुआत एक जूनियर ऑफिसर लेफ्टिनेंट से होती है और टॉप पोजीशन फील्ड मार्शल की होती है जो कि इंडियन आर्मी की हाईएस्ट रैंक है
हम जिस पोस्ट के बारे में जानने वाले हैं वह है इंडियन आर्मी में मेजर की पोस्ट इंडियन आर्मी में एक मेजर की क्या पोजीशन होती है उसकी जिम्मेदारियां क्या होती हैं इस पोजीशन तक पहुंचने के लिए आपको कौन सा प्रोसेस फॉलो करने की जरूरत होगी और मेजर को मिलने वाली सैलरी कितनी होती है तो चलिए शुरू करते हैं और जानते हैं इंडियन आर्मी में मेजर की पोस्ट के बारे में
इंडियन आर्मी में मेजर की रैंक एक इंपॉर्टेंट ऑफिसर रैंक होती है जो कैप्टन की रैंक के ऊपर होती है और लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक के नीचे होती है कई सालों की सर्विस के बाद यह रैंक मिला करती है और एक मेजर के शोल्डर पर नेशनल एंबलम लगा होता है जो इस रैंक के एक्सपीरियंस डेडिकेशन और रिस्पांसिबिलिटीज को बहुत गर्व से बयां करता है मेजर की रैंक अपने साथ बहुत सारी जिम्मेदारियां लेकर आती है जो कुछ इस तरह की होती हैं जनरली एक मेजर एक कंपनी की साइज की यूनिट की कमांड को संभालने के लिए रिस्पांसिबल होता है जिसमें लगभग 120 से 150 सोल्जर्स होते हैं अपनी यूनिट की ऑपरेशनल रेडिनेक और इफेक्टिव के लिए मेजर रिस्पांसिबल होते हैं अपने सोल्जर्स को वेल ट्रेड और डिसिप्लिन रखना उनकी जिम्मेदारी होती है सोल्जर्स के वेलफेयर के लिए मेजर रिस्पांसिबल होते हैं और उन्हें सोल्जर्स के सामने आने वाली प्रॉब्लम्स और इश्यूज को सॉल्व भी करना होता है
मेजर मिलिट्री ऑपरेशंस की प्लानिंग और एग्जीक्यूशन में भी शामिल होते हैं उन्हें अपने सुपीरियर्स के साथ मिलकर के स्ट्रेटेजी को डिवेलप करना होता है रिसोर्सेस कोऑर्डिनेट करने होते हैं और क्रिटिकल डिसीजंस भी लेने होते हैं रिस्क मैनेजमेंट स्ट्रेटेजी बनाने में भी एक मेजर का रोल होता है इसमें पोटेंशियल रिस्क और थ्रेट्स को आइडेंटिफिकेशन इंपैक्ट इवेलुएट करना और उन्हें मिनिमाइज करने के मेजर्स डेवलप करने के साथ-साथ पर्सनल एंड एसेट्स की सेफ्टी और सिक्योरिटी को इंश्योर करना भी आता है
अपनी कंपनी या यूनिट को लीड करने के अलावा मेजर की एडमिनिस्ट्रेटिव ड्यूटीज भी होती हैं इक्विपमेंट को मेंटेन करना लॉजिस्टिक्स मैनेज करना और हायर रैंकिंग ऑफिसर्स और हेड क्वार्टर्स के सा कम्युनिकेशन मेंटेन रखना भी एक मेजर की जिम्मेदारियां होती है अपने सब कोऑर्डिनेट्स को गाइडेंस मोटिवेशन और प्रोफेशनल डेवलपमेंट अपॉर्चुनिटी प्रोवाइड करवाना भी मेजर की ड्यूटी होती है वह सब ऑर्डिनेट्स के मेंटर और रोल मॉडल होते हैं इसलिए उनसे यह अपेक्षा की जाती है कि वह स्ट्रांग लीडरशिप क्वालिटी शो करें साथ ही डिसीजन मेकिंग स्किल्स और चैलेंजिंग सिचुएशंस को अडेप्ट करने की एबिलिटी भी दिखाएं इस तरह एक कंपनी को लीड करते हुए क्रिटिकल डिसीजंस लेते हुए मिलिट्री ऑपरेशंस को सक्सेसफुल बनाने में एक मेजर की पावर भी काफी ज्यादा है और जिम्मेदारियां भी
Indian Army में Major की RanK तक कैसे पहुंचे?
आप कैसे इंडियन आर्मी में मेजर की रैंक तक पहुंच सकते हैं तो इसके लिए सबसे पहले आपके अंदर पक्का इरादा होना जरूरी है आपका डेडिकेटेड और डिसिप्लिन होना जरूरी है और देश सेवा का आपका जज्बा भी बुलंद होना जरूरी है अगर आप में यह सब मौजूद है तो आप इंडियन आर्मी जवाइन करने के लिए रिक्वायर्ड क्राइटेरिया को मैच कीजिए जिसमें आपको सिटीजनशिप मिनिमम एजुकेशनल क्वालिफिकेशन और एज क्राइटेरिया कंडीशंस को फुलफिल करना होगा
इनके बारे में जानते हैं इंडियन आर्मी जॉइन करने के लिए एक कैंडिडेट का इंडियन सिटीजन होना जरूरी है और अब जानते हैं एजुकेशनल रिक्वायरमेंट्स के बारे में तो मेनली एनडीए या सीडीएस एग्जाम के जरिए इंडियन आर्मी में सिलेक्शन होता है यूपीएससी यानी यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन 12th ग्रेड स्टूडेंट्स के लिए एनडीए टेस्ट कंडक्ट करती है और ग्रेजुएट्स के लिए सीडीएस एग्जाम अगर आप 12th के बाद इंडियन आर्मी जवाइन करना चाहते हैं तो आपको एनडीए एग्जाम क्लियर करना होगा और अगर ग्रेजुएशन के बाद आप आमी जवाइन करने का इरादा रखते हैं तो आप सीडीएस एग्जाम क्लियर करेंगे
आपको बता दें कि एनडीए एग्जाम केवल अनमैरिड मेल और फीमेल कैंडिडेट्स ही दे सकते हैं और इस एग्जाम में अपीयर होने के लिए कैंडिडेट्स का फिजिकली और मेंटली फिट होना जरूरी है इसमें एक रिटन एग्जाम होता है जिसके बाद इंटेलिजेंस एंड पर्सनालिटी टेस्ट होता है और उसके बाद सिलेक्शन होता है इसी तरह सीडीएस एग्जाम के लिए भी कैंडिडेट का अनमैरिड होना और फिजिकली एंड मेंटली फिट होना जरूरी है और इसमें भी एक रिटर्न एग्जाम और इंटरव्यू के बाद सिलेक्शन होता है बात करें एज लिमिट की तो इंडियन आर्मी जवाइन करने के लिए एनडीए यानी नेशनल डिफेंस एकेडमी के लिए अप्लाई करने की एज लिमिट 16.5 इयर्स से 19 इयर्स तक होती है वहीं सीडीएस यानी कंबाइन डिफेंस सर्विस के लिए अप्लाई करने के लिए एज लिमिट 19 से 24 साल तक होती है
एनडीए या सीडीएस एग्जाम क्लियर करने के बाद कैंडिडेट आईएमए यानी इंडियन मिलिट्री अकेडमी के लिए सिलेक्ट होता है जहां ट्रेनिंग के दौरान मिलिट्री ड्रिल्स वेपंस हैंडलिंग फिजिकल फिटनेस और लीडरशिप स्किल्स सिखाई जाती है जिसके बाद कैंडिडेट इंडियन आर्मी में लेफ्टिनेंट की रैंक पर पहुंचता है इंडियन आर्मी में एक कमीशन ऑफिसर को मिलने वाली यह लोएस्ट रैंक होती है इस रैंक पर रहते हुए ऑफिसर ऑपरेशनल रोल्स एंड रिस्पांसिबिलिटीज का प्रैक्टिकल एक्सपीरियंस लेता है इस रैंक पर कम से कम 2 साल कंप्लीट करने वाले ऑफिसर कैप्टन की रैंक के लिए होने वाले प्रमोशन एग्जामिनेशन के लिए एलिजिबल होते हैं और कैप्टन 6 साल की कमीशन सर्विस के बाद प्रमोशन एग्जामिनेशन के जरिए मेजर की रैंक के लिए एलिजिबल हो जाते हैं
इस एग्जाम में परफॉर्मेंस लीडरशिप एबिलिटीज और हायर रिस्पांसिबिलिटीज के लिए सूटेबिलिटी को ध्यान में रखते हुए सिलेक्शन किया जाता है और जो ऑफिसर इस एग्जाम को क्लियर कर लेते हैं वह इंडियन आर्मी में मेजर की रैंक पर पहुंच जाते हैं आपके लिए वैसे यह जानना भी जरूरी है कि इन दो एग्जाम्स के अलावा टीईएस और टीजीसी के जरिए भी इंडियन आर्मी में सिलेक्ट हो सकते हैं टीएस यानी टेक्निकल एंट्री स्कीम है और टीजीसी यानी टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स है इन दोनों एंट्रीज में अवेलेबल सीट्स एनडीए और सीडीएस के कंपैरिजन में कम होती हैं ऐसे कैंडिडेट्स जिन्होंने 12th क्लास पीसीएम यानी फिजिक्स केमिस्ट्री और मैथमेटिक्स सब्जेक्ट्स के साथ मिनिमम एग्रीगेट 70 मार्क्स से पास की हो ऐसे कैंडिडेट्स टीएस के थ्रू इंडियन आर्मी में एंट्री ले सकते हैं इसमें अप्लाई करने के लिए एज लिमिट 16.5 इयर्स से 19 इयर्स तक की होती है और इस स्कीम की रिक्वायरमेंट है कि कैंडिडेट ने जेईई मेंस एग्जाम अच्छी रैंक से क्लियर किया हो इसके लिए केवल मेल कैंडिडेट्स ही एलिजिबल होते हैं और यह क्राइटेरिया फुलफिल करने वाले कैंडिडेट्स डायरेक्ट इंटरव्यू में अपीयर होते हैं
इसमें सिलेक्ट होने वाले कैंडिडेट्स को बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग के बाद आर्मी के इंजीनियरिंग कोर्स में एडमिशन मिलता है और कोर्स कंप्लीशन के बाद उन्हें डरेटली लेफ्टिनेंट की पोस्ट पर अपॉइंट्स एक्सपीरियंस गेन करके प्रमोशनल एग्जाम्स को क्लियर करके कैप्टन की रैंक तक पहुंचा जाता है और उसके बाद मेजर रैंक तक पहुंचना भी पॉसिबल है
इसी तरह टीजीसी भी इंडियन आर्मी में टेक्निकल सर्विसेस के लिए होता है लेकिन बीई या बीटेक करने वाले स्टूडेंट्स यानी इंजीनियर ग्रेजुएट्स ही इस सिलेक्शन प्रोसेस में अपीयर हो सकते हैं और इसके लिए एज लिमिट 20 से 27 साल होती है इसे क्लियर करके कैंडिडेट कंप्लीट करते हैं और लेफ्टिनेंट की रैंक पर पहुंचते हैं जिसके बाद कुछ सालों की सर्विस कंप्लीट होने पर वह कैप्टन की पोस्ट तक पहुंच सकते हैं और उसके बाद मेजर की रैंक तक इंडियन आर्मी जवाइन करने के लिए और मेजर की रैंक तक पहुंचने के लिए एक कैंडिडेट में लीडरशिप टेक्निकल एंड स्ट्रेटेजिक प्लानिंग डिसीजन मेकिंग एंड प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स और एथिकल एंड प्रोफेशनल कंडक्ट का होना भी जरूरी होता है
इंडियन आर्मी जवाइन करने और मेजर की रैंक तक पहुंचने का प्रोसेस समझने के बाद अब जानते हैं मेजर को मिलने वाली सैलरी के बारे में तो सर्विस ईयर्स और लोकेशन के अकॉर्डिंग इस अमाउंट में वेरिएशन मिल सकता है वैस एक मेजर की बेसिक 94000 से ₹ 72000 पर मंथ के बीच होती है इस बेसिक पे के अलावा मेजर को बहुत से बेनिफिट्स भी मिला करते हैं जैसे हाउसिंग फैसिलिटी मेडिकल फैसिलिटी एजुकेशन ट्रैवल एंड लीव्स इंश्योरेंस लो इंटरेस्ट लोंस और कैंटीन फैसिलिटी एक्सट्रा
देखा आपने इंडियन आर्मी को जॉइन करना और अपने डेडिकेशन और परफॉर्मेंस के बेस पर मेजर की पोजीशन तक पहुंचने का रास्ता कहां से शुरू होकर कहां पर पूरा होता है तो अगर आप भी इंडियन आर्मी में मेजर की रेपुटेड पोजीशन पर पहुंचकर देश की सेवा करना चाहते हैं तो इससे जुड़ी सारी जानकारियों को अच्छी तरह चेक करके अपनी एलिजिबिलिटी को इंश्योर करें इसके लिए आप इंडियन आर्मी की ऑफिशियल वेबसाइट को विजिट करें और अपने लिए राइट करियर पाथ चूज करें तो उसी के साथ यह जानकारी यहीं पर कंप्लीट होती है