आप जानते हैं कि इंडिया में रेडियोलॉजी एक वेल टैब्लिक्स स्कैन एमआरआई और एक्सरे जैसे इंपॉर्टेंट टेस्ट रेडियोलॉजी में आते हैं जो मेडिसिन की ऐसी ब्रांच है जो डिजीज के डायग्नोसिस और इलाज से डील करती है मेडिसिन की ये ब्रांच पेशेंट्स और हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स दोनों के लिए ही मददगार साबित होती है क्योंकि रेडियोलॉजी की बदौलत अब अर्ली स्टेज में ही मेडिकल कंडीशंस को डायग्नोज और ट्रीट करना पॉसिबल है जिससे पेशेंट सर्वाइवल रेट्स बढ़ गई हैं इसमें यूज होने वाली कई इमेजिंग टेक्निक्स जैसे एक्सरेज एमआरआई और अल्ट्रासाउंड को यूज करने के लिए सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ती जिससे पेशेंट्स के लिए रिस्क और कॉम्प्लिकेशंस काफी कम हो गए हैं और इसमें मिनिमल इवेसिव प्रोसीजर्स के जरिए ही इलाज हो जाते हैं यानी बॉडी में बड़े कट लगाए बिना ही अफेक्टेड एरिया से डिजीज को हटा दिया जाता है
अब इतने सारे बेनिफिट देने वाली रेडियोलॉजी बहुत सी करियर अपॉर्चुनिटी भी ऑफर करती है इसलिए रेडियोलॉजिस्ट बनने का स्कोप भी काफी अच्छा होता है और तेजी से एक्सपेंड हो रहे इस एरिया में रेडियोलॉजिस्ट की डिमांड भी काफी हाई रहती है एक रेडियोलॉजिस्ट ऐसा लाइसेंस्ड मेडिकल प्रोफेशनल होता है जो मेडिकल इमेजिंग यानी एक्सरेज अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन ने में स्पेशलाइज्ड होता है और इन टेस्ट के जरिए हेल्थ प्रॉब्लम्स को डिटेक्ट डायग्नोज और ट्रीट कर सकता है रेडियोलॉजिस्ट बनने के लिए एजुकेशन एक्सपीरियंस और ट्रेनिंग की जरूरत होती है और अगर मेडिकल का यह फील्ड आपके करियर गोल्स के साथ मैच करता है तो आप भी रेडियोलॉजिस्ट बनने के बारे में सोच सकते हैं
एक रेडियोलॉजिस्ट मेडिकल इमेजिंग यानी रेडियोलॉजी का यूज करके पेशेंट्स को ट्रीट करता है और इसके लिए वो इन मेजर ड्यूटीज को पूरा करता है पेशेंट की मेडिकल स्ट्री को इवेलुएट करना उसके बेस पर ग टाइप डिसाइड करना मेडिकल इमेजिंग प्रोसीजर्स को परफॉर्म करना मेडिकल इमेजेस को रिव्यू और इंटरप्रेट करना और इमेजिंग टेक्निक्स को सुपरवाइज करना रेडियोलॉजिस्ट बनने के लिए इन स्पेशलिटी में से एक चूज की जा सकती है डायग्नोस्टिक रेडियोलॉजी रेडिएशन ऑंकोलॉजी और इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी डायग्नोस्टिक रेडियोलॉजी के एक्सपर्ट रेडियोलॉजिस्ट इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन अल्ट्रासाउंड एक्सरेज एंड रेडियो न्यूक्लाइड्स जैसे इमेजिंग टेक्निक्स का यूज़ करके डिजीज को डायग्नोज और ट्रीट करते हैं
यह डायग्नोस्टिक रेडियोलॉजी कई सब स्पेशलिस्ट ऑफर करती है जैसे पीडियाट्रिक कार्डियोवैस्कुलर मस्कल स्केलेटल और चेस्ट रेडियोलॉजी अब बात करें रेडिएशन ऑंकोलॉजी की तो रेडिएशन ऑंकोलॉजिस्ट रेडिएशन थेरेपी का यूज करके कैंसर को ट्रीट करता है इसमें हाई एनर्जी रेडिएशन का यूज करके कैंसर सेल्स को डैमेज किया जाता है और उन्हें आगे स्प्रेड होने से रोका जाता है और थर्ड स्पेशलिटी है इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी इस रेडियोलॉजी टाइप में नॉन कैंसरस कंडीशंस में थेरेपी प्रोवाइड कराने के लिए इमेजिंग प्रोसीजर्स का यूज किया जाता है यह रेडियोलॉजी टाइप बीमारी या इंजरी को डायग्नोज करने के लिए मिनिमल इवेसिव प्रोसीजर्स का यूज करती है क्योंकि इसमें इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट बहुत ही स्मॉल टूल्स जैसे कैथेटर्स और वायर्स को बॉडी में इंसर्ट करके बॉडी कंडीशंस को ट्रीट किया करते हैं यह रेडियोलॉजी टाइप सेफ सर्जिकल प्रोसीजर्स और फास्ट रिकवरी को इंश्योर करती है इन थ्री स्पेशलिटी के बारे में जानने के बाद अब आगे जानते हैं एक रेडियोलॉजिस्ट बनने के लिए एसेंशियल स्किल्स के बारे में एक्सीलेंट टेक्निकल स्किल्स ताकि सिटी स्कैनर्स और एक्सरे मशीनस जैसे रेडियोलॉजिकल इक्विपमेंट सही तरह से ऑपरेट किया जा सके ह्यूमन एनाटॉमी की एक्सीलेंट नॉलेज भी काफी जरूरी है ताकि स्कैंस में आने वाली अब नॉर्मेलिटी को समझा जा सके और डिजीज का पता लगाया जा सके पेशेंट्स और डॉक्टर्स के साथ क्लियर कम्युनिकेशन भी बहुत इंपॉर्टेंट रोल रखता है ताकि डॉक्टर्स और पेशेंट्स के साथ किया या कन्वर्सेशन डिजीज को समझने और उसके इलाज के प्रोसेस को सही तरीके से समझने में मदद कर सके
पेशेंट के स्कैंस को बारीकी से देखने के लिए ऑब्जर्वेशन स्किल्स का अच्छा होना भी जरूरी है ताकि पेशेंट का एक्यूरेट एग्जामिनेशन हो सके और डायग्नोज से लेकर के इलाज तक का प्रोसेस क्विक एक्यूरेट और इजी बन सके
reडियोलॉजिस्ट बनने के लिए सबसे पहले आपको 10+2 क्लास फिजिक्स केमिस्ट्री और बायोलॉजी सब्जेक्ट से क्लियर करनी होगी इन सब्जेक्ट्स में अपनी कमांड बनाने की कोशिश कीजिए ताकि आपके लिए एक स्ट्रांग बेस बन सके और रेडियोलॉजी रिलेटेड एंट्रेंस एग्जाम्स को क्लियर करना भी आपके लिए आसान हो सके 10+ 2 के बाद अगला स्टेप होगा एमबीबीएस की डिग्री लेना यानी बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी को कंप्लीट करना जिसकी ड्यूरेशन 5 साल होती है जिसमें वन ईयर इंटर्नशिप का होता है इसके बाद आपको थ्री ईयर ड्यूरेशन के रेडियोलॉजी रेजिडेंसी प्रोग्राम में एनरोल करना होगा यह एक तरह की इंटर्नशिप ही होती है जिसमें हॉस्पिटल में काम करते हुए लर्निंग और एक्सपीरियंस लिया जाता है इसके बाद आप एक पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स सिलेक्ट करेंगे जो कि इनमें से कोई भी एक हो सकता है थ्री इयर्स ड्यूरेशन का डीएनबी यानी डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड थ इयर्स ड्यूरेशन का एमडी यानी डॉक्टर ऑफ मेडिसिन और टू ईयर ड्यूरेशन का डीएमआरडी यानी डिप्लोमा इन मेडिकल रेडियोलॉजिस्ट एंट्रेंस एग्जाम क्लियर करके आपको इन कोर्सेस में एंट्री मिलेगी और पोस्ट ग्रेजुएट होने से आपको अपनी रेडियोलॉजी की डीप नॉलेज मिल पाएगी जो कि आपको इस एरिया का मास्टर बनने में हेल्प करेगी
जो कैंडिडेट्स रेडियोलॉजी की सब स्पेशलिटी के बारे में जानना चाहते हैं वो फेलोशिप प्रोग्राम्स के जरिए रेडियोलॉजी की किसी भी एक सब स्पेशलिटी में ट्रेन होते हैं यह फेलोशिप एक से दो साल की होती है और रेडियोलॉजी की सब स्पेशलिटी ज में ब्रेस्ट इमेजिंग रेडियोलॉजी रेडिएशन ऑंकोलॉजी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रेडियोलॉजी और कार्डियोवैस्कुलर रेडियोलॉजी एक्सट्रा आती है इसके बाद एमसीआई यानी मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया में रजिस्ट्रेशन के बाद आप एक रेडियोलॉजिस्ट के तौर पर अपनी प्रैक्टिस स्टार्ट कर पाएंगे रेडियोलॉजी के फील्ड में रेडियोलॉजिस्ट के अलावा रेडियोलॉजी टेक्नीशियन और रेडियोलॉजी असिस्टेंट जैसे काफी सारे जॉब रोल्स भी हुआ करते हैं जिन तक पहुंचने के लिए बीएससी मेडि रेडियोग्राफी एंड इमेजिंग टेक्नोलॉजी और एमएससी इन मेडिकल रेडियो इमेजिंग कोर्सेस किए जा सकते हैं
इंडिया में ऐसे कई सारे मेडिकल स्कूल्स हैं जो रेडियोलॉजी को स्पेशलाइजेशन के रूप में ऑफर करते हैं
इस एरिया में हाई एजुकेशन और एक्सपीरियंस लीजिए अपनी स्किल्स के मास्टर बनिए और पेशेंट्स को बेस्ट सर्विस देने का एटीट्यूड रखिए ऐसा करके आप सैलरी पैकेज को और बड़ी हाइक दे सकते हैं क्योंकि अगर रेडियोलॉजिस्ट जॉब प्रोफाइल के अकॉर्डिंग सैलरी देखें तो एक डायग्नोस्टिक रेडियोलॉजिस्ट को को मिलने ली एवरेज एनुअल सैलरी 11 लाख हो सकती है इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट के लिए यह अमाउंट 30 लाख भी हो सकता है और रेडिएशन ऑंकोलॉजिस्ट की 27 लाख तक हो सकती है यह सैलरी एक्सपीरियंस लोकेशन और उस ऑर्गेनाइजेशन पर डिपेंडेंट होती है जहां पर काम किया जाता है
एक रेडियोलॉजिस्ट बनकr के आप एक हाई डिमांड के जॉब फील्ड में एंटर हो सकते हैं और अपनी एक्सपर्टीज के दम पर हाई अर्निंग्स भी कर सकते हैं इस प्रोफेशन को अपना कर के स्पेशलाइजेशंस के जरिए ज्यादा करियर ऑप्शंस और अपॉर्चुनिटी को भी गेन कर सकते हैं और लोगों की मदद करने का सेटिस्फैक्ट्रिली को डॉक्टर होकर के भी 24X7 वर्क करने की बजाय फिक्स वर्क आवर्स का ऑप्शन मिलता है लेकिन इतने सारे बेनिफिट ऑफर करने वाले इस जॉब पोजीशन पर रहने के लिए पेशेंस भी काफी जरूरी होता है क्योंकि रेडियोलॉजिस्ट बनने के लिए लॉन्ग एजुकेशन एंड ट्रेनिंग पीरियड होता है और जिम्मेदारियां भी काफी ज्यादा बड़ी होती है यानी हर प्रोफेशन की तरह रेडियोलॉजिस्ट बनने के भी अपने प्रोज एंड कॉन्स होते हैं जिनके बारे में अवेयर होना भी जरूरी है ताकि आप अपने लिए ऐसा सही करियर चूज कर सके जिसमें आपको कॉन्स या डिसएडवांटेज की बजाय प्रोज या एडवांटेजेस ज्यादा नजर आए तो रेडियोलॉजिस्ट बनना आपके लिए एक अच्छा करियर ऑप्शन हो सकता है