भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में से एक सिद्ध मेडिसिन, सदियों पुरानी प्रणाली है जो आज भी अपनी असरदार और होलिस्टिक हीलिंग के लिए जानी जाती है। खासकर दक्षिण भारत में लोकप्रिय इस विधा को आज पुनः मान्यता मिलने लगी है और इसी वजह से BSMS Course यानी Bachelor of Siddha Medicine and Surgery की मांग छात्रों में तेजी से बढ़ी है।
अगर आप भी एक हेल्थकेयर प्रोफेशन में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं और आयुष (AYUSH) सिस्टम में रुचि रखते हैं, तो यह लेख आपके लिए पूरी जानकारी से भरा है। यहां आप BSMS कोर्स की विशेषताओं से लेकर एडमिशन प्रक्रिया, कॉलेज, करियर स्कोप, सैलरी और टॉप रिक्रूटर्स तक सबकुछ विस्तार से जानेंगे।
Contents
- 1 सिद्ध मेडिसिन क्या है?
- 2 BSMS Course क्या है?
- 3 BSMS Course की संरचना
- 4 BSMS Course में एडमिशन कैसे लें?
- 5 BSMS Course की फीस
- 6 टॉप कॉलेजेस जो BSMS Course कराते हैं
- 7 BSMS vs BAMS vs BHMS vs BUMS – क्या फर्क है?
- 8 BSMS Course के बाद करियर विकल्प
- 9 BSMS ग्रेजुएट्स की जॉब पोजीशंस
- 10 BSMS Course के बाद सैलरी कितनी मिलती है?
- 11 निष्कर्ष: क्या BSMS Course आपके लिए सही है?
- 12 FAQs: BSMS Course से जुड़े सामान्य सवाल
सिद्ध मेडिसिन क्या है?
सिद्ध मेडिसिन भारत की सबसे पुरानी चिकित्सा प्रणालियों में से एक है, जिसकी उत्पत्ति तमिलनाडु और दक्षिण भारत के अन्य हिस्सों में मानी जाती है। यह प्रणाली केवल शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को भी समग्र रूप से ठीक करने पर केंद्रित है।
इस चिकित्सा प्रणाली के जनक अगस्त्य ऋषि माने जाते हैं। आज के समय में इसे भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त आयुष प्रणाली के अंतर्गत शामिल किया गया है, जिसमें आयुर्वेद, योगा, नेचुरोपैथी, यूनानी और होम्योपैथी भी आते हैं।
BSMS Course क्या है?
BSMS Course यानी Bachelor of Siddha Medicine and Surgery एक अंडरग्रेजुएट डिग्री प्रोग्राम है जिसकी अवधि लगभग 5.5 साल होती है। इसमें 4.5 साल की कक्षा शिक्षण और 1 साल की अनिवार्य इंटर्नशिप शामिल होती है। इस कोर्स को पूरा करने के बाद छात्रों को अपने नाम के आगे “Dr.” लगाने की मान्यता प्राप्त होती है।
इस कोर्स में छात्रों को सिद्ध चिकित्सा सिद्धांत, हर्बल मेडिसिन, शरीर रचना विज्ञान, फार्माकोलॉजी और प्रैक्टिकल इलाज की जानकारी दी जाती है।
BSMS Course की संरचना
BSMS पाठ्यक्रम मुख्यतः सात जैविक तत्वों (Plasma, Blood, Muscle, Fat, Bone, Nerve, Semen) की अवधारणाओं पर आधारित होता है। इन तत्वों को वायु, गर्मी और जल के माध्यम से सक्रिय किया जाता है। इस कोर्स में प्राकृतिक औषधियों जैसे जड़ी-बूटियों, खनिज तत्वों और पशु उत्पादों का उपयोग सिखाया जाता है।
सिद्ध प्रणाली विशेष रूप से इन रोगों में कारगर मानी जाती है:
- गठिया (Arthritis)
- त्वचा रोग (Skin Diseases)
- मूत्र संक्रमण (UTI)
- बुखार
- न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर
BSMS Course में एडमिशन कैसे लें?
BSMS कोर्स में प्रवेश के लिए कुछ महत्वपूर्ण शर्तें होती हैं:
शैक्षणिक योग्यता:
- मान्यता प्राप्त संस्थान से 10+2 (फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी, इंग्लिश) में कम से कम 50% अंक अनिवार्य हैं।
एंट्रेंस एग्जाम:
- NEET-UG परीक्षा पास करना अनिवार्य है।
- कुछ यूनिवर्सिटीज अपने-अपने एंट्रेंस टेस्ट भी आयोजित करती हैं जैसे:
- BVP CET (भारतीय विद्यापीठ कॉमन एंट्रेंस टेस्ट)
- JCECE (झारखंड कंबाइंड एंट्रेंस एग्जाम)
BSMS Course की फीस
BSMS कोर्स की फीस अलग-अलग कॉलेज में भिन्न हो सकती है। सामान्यत: इसकी सालाना फीस ₹40,000 से ₹3 लाख तक हो सकती है।
टॉप कॉलेजेस जो BSMS Course कराते हैं
भारत में कई प्रमुख कॉलेज और यूनिवर्सिटीज BSMS कोर्स ऑफर करते हैं:
- K.U.H.S., केरल
- Government Siddha Medical College, तिरुनेलवेली (TN)
- SRM University, चेन्नई
- TSB Siddha Medical College, मचेरा (TN)
- RVS Siddha Medical College, कोयंबटूर
- Santhigiri Siddha Medical College, तिरुवनंतपुरम (केरल)
- Lovely Professional University, फगवाड़ा (पंजाब)
- M.T. University, नोएडा (UP)
- NIMS University, जयपुर (राजस्थान)
- Madhya Pradesh Medical Science University, जबलपुर (MP)
BSMS vs BAMS vs BHMS vs BUMS – क्या फर्क है?
| कोर्स | फुल फॉर्म | सिस्टम |
|---|---|---|
| BSMS | Bachelor of Siddha Medicine & Surgery | सिद्ध |
| BAMS | Bachelor of Ayurvedic Medicine & Surgery | आयुर्वेद |
| BHMS | Bachelor of Homeopathic Medicine & Surgery | होम्योपैथी |
| BUMS | Bachelor of Unani Medicine & Surgery | यूनानी |
जहां BSMS में सिद्ध प्रणाली की पढ़ाई होती है, वहीं बाकी कोर्स अन्य पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों पर केंद्रित होते हैं। छात्रों को अपने इंटरेस्ट और करियर पथ के अनुसार कोर्स का चुनाव करना चाहिए।
BSMS Course के बाद करियर विकल्प
BSMS डिग्री धारकों के लिए अनेक संभावनाएं उपलब्ध हैं:
हायर स्टडीज़:
- Master in Siddha Medicine
- Ph.D. in Siddha
- Clinical Research
- Public Health Courses
नौकरी के क्षेत्र:
- Research & Development
- Drug Manufacturing
- Wellness Centers
- Health Clinics
- Ayurvedic & Siddha Clinics
- Teaching Institutes
- Medical Tourism
- National Ayush Mission
- Rural Health Services
टॉप रिक्रूटर्स:
- Dabur
- Himalaya Wellness
- Baidyanath
- Charak Pharma
- Vico Labs
- National Rural Health Mission
- National Ayush Mission
BSMS ग्रेजुएट्स की जॉब पोजीशंस
- Siddha Pathologist
- Drug Manufacturer
- Medical Consultant
- Physiologist
- Dermatologist
- Gynecologist
- Pediatrician
- Clinical Researcher
- Chiropractor
- Teacher
BSMS Course के बाद सैलरी कितनी मिलती है?
BSMS कोर्स के बाद सैलरी कई फैक्टर पर निर्भर करती है:
- किस कंपनी में जॉब करते हैं?
- कितनी नॉलेज और एक्सपीरियंस है?
- आपने आगे की पढ़ाई की है या नहीं?
एक फ्रेश BSMS ग्रेजुएट की सैलरी आमतौर पर ₹3 लाख से ₹5 लाख प्रति वर्ष होती है। एक्सपीरियंस और एडवांस डिग्री के साथ यह सैलरी ₹8-10 लाख तक भी पहुंच सकती है।
निष्कर्ष: क्या BSMS Course आपके लिए सही है?
BSMS Course एक पारंपरिक और प्रभावशाली चिकित्सा प्रणाली को आधुनिक शिक्षा के साथ जोड़ता है। अगर आप आयुष सिस्टम से जुड़कर एक हेल्दी करियर बनाना चाहते हैं और समाज में योगदान देना चाहते हैं, तो यह कोर्स आपके लिए उपयुक्त विकल्प हो सकता है।
FAQs: BSMS Course से जुड़े सामान्य सवाल
Q1. क्या BSMS कोर्स करने के बाद डॉक्टर लिखा जा सकता है?
हाँ, इस कोर्स के बाद आप अपने नाम के आगे Dr. का प्रयोग कर सकते हैं।
Q2. क्या NEET जरूरी है BSMS कोर्स के लिए?
हाँ, अधिकतर कॉलेजों में एडमिशन NEET-UG के माध्यम से ही होता है।
Q3. क्या BSMS सरकारी नौकरी के लिए भी उपयुक्त है?
जी हाँ, नेशनल आयुष मिशन, नेशनल रूरल हेल्थ मिशन जैसे सरकारी विभागों में जॉब की संभावना रहती है।
Q4. क्या BSMS कोर्स के बाद विदेश में भी अवसर मिलते हैं?
अगर आपने मास्टर्स या रिसर्च डिग्री ली है, तो विदेश में भी रिसर्च या टीचिंग जॉब के अवसर मिल सकते हैं।
Q5. BSMS और BAMS में कौन सा बेहतर है?
दोनों कोर्स पारंपरिक मेडिसिन सिस्टम से जुड़े हैं। चयन आपके इंटरेस्ट और करियर गोल्स पर निर्भर करता है।