इंडियन आर्म्ड फोर्सेस की तीन डिविजंस है यानी इंडियन आर्मी इंडियन नेवी और इंडियन एयरफोर्स से मिलकर के बनी है इंडियन आर्म्ड फोर्सेस और इनमें से लैंड बेस्ड ब्रांच है इंडियन आर्मी जो इन फोर्सेस का लार्जेस्ट कंपोनेंट है और इंडियन आर्मी चीन के बाद वर्ल्ड की सेकंड लार्जेस्ट आर्मी भी है वर्ल्ड की मोस्ट प्रेस्टीजियस और प्रोफेशनल आर्मीज में से एक है इंडियन आर्मी जिसका प्राइमरी ऑब्जेक्टिव है अपने देश की सिक्योरिटी को मजबूत करना देश की बॉर्डर लाइंस को प्रोटेक्ट करना और पीस मेंटेन करना प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया इसके सुप्रीम कमांडर है और इसमें ऑफिसर्स की कई रैंक्स है जो लेफ्टिनेंट रैंक से शुरू होती है और फील्ड मार्शल की हाईएस्ट रैंक तक जाती है
इन्हीं रैंक्स में से आज हम आपकी रिक्वेस्ट पर बताने वाले हैं कि इंडियन आर्मी में कैप्टन की क्या रैंक होती है और उसकी क्या रिस्पांसिबिलिटी होती हैं इंडियन आर्मी में कैप्टन की रैंक तक पहुंचने के लिए कौन सा प्रोसीजर फॉलो करने की जरूरत होती है
इंडियन आर्मी में कैप्टन की इंपॉर्टेंट रैंक होती है जो लेफ्टिनेंट से हायर होती है और मेजर से लोअर रैंक हुआ करती है लेफ्टिनेंट के शोल्डर पर टू फाइव पॉइंटेड स्टार्स लगे होते हैं जबकि कैप्टन के शोल्डर पर थ्री फाइव पॉइंटेड स्टार्स होते हैं वहीं मेजर के शोल्डर पर नेशनल एंबलम यानी कि प्रतीक होता है एक कैप्टन को बहुत सी जिम्मेदारियां पूरी करनी होती है जैसे कि लीडरशिप क्योंकि कैप्टन सोल्जर्स की एक कंपनी को लीड करता है जिसमें 100 से 150 सोल्जर्स होते हैं
अपने ट्रूप्स के वेलफेयर डिसिप्लिन और ट्रेनिंग के लिए कैप्टन जिम्मेदार होते हैं ट्रेनिंग एंड रेडिनेक क्योंकि कैप्टंस की जिम्मेदारी होती है कि अपने सोल्जर्स के वेल ट्रेड होने फिजिकल फिट होने को इंश्योर करें और अपनी ट्रूप्स को बैटल के लिए रेडी रखें ऑपरेशंस क्योंकि मिलिट्री ऑपरेशंस की प्लानिंग और एग्जीक्यूशन में भी कैप्टंस एक इंपॉर्टेंट रोल प्ले करते हैं वह स्ट्रेटजीजर अदर यूनिट्स के साथ कोऑर्डिनेट करके मिशन के ऑब्जेक्टिव्स को अचीव करने में इवॉल्व होते हैं कैप्टंस एडमिनिस्ट्रेटिव टास्क में भी इवॉल्व होते हैं जिनमें पर्सनल रिकॉर्ड्स को मैनेज करना परफॉर्मेंस इवेलुएट करना और डिसिप्लिन मैटर्स आते हैं अपने जूनियर ऑफिसर्स और सोल्जर्स को गाइडेंस और मेंटरशिप प्रोवाइड कराना भी उन्हीं की जिम्मेदारी है और उनकी सेफ्टी और सिक्योरिटी की जिम्मेदारी भी उन्हीं की है अपने सुपीरियर्स और सब ऑर्डिनेट्स के बीच इफेक्टिव कम्युनिकेशन बनाए रखने की इंपॉर्टेंस को कैप्टन अच्छी तरह जानते हैं इसलिए ऑर्डर्स और इंस्ट्रक्शंस को इफेक्टिवली कम्युनिकेट करने की जिम्मेदारी भी कैप्टन बखूबी निभाते हैं और हाई प्रेशर सिचुएशंस में क्रिटिकल डिसीजंस लेना भी उनकी ड्यूटी का अहम हिस्सा होता है इस तरह इंडियन आर्मी कैप्टंस बहुत बत सारी इंपॉर्टेंट रिस्पांसिबिलिटीज को पूरा करने के लिए कमिटेड होते हैं
How to Become Captain in Indian Army? Indian Army में Captain कैसे बनें?
अब बारी आती है उस प्रोसेस को जानने की जिसके जरिए इंडियन आर्मी में कैप्टन की रैंक तक पहुंचा जा सकता है तो चलिए जानते हैं इस प्रोसेस के बारे में
इंडियन आर्मी में कैप्टन की रैंक तक पहुंचने के लिए को डायरेक्ट रिक्रूटमेंट एग्जाम कंडक्ट नहीं किया जाता इस रैंक तक पहुंचने के लिए चार एग्जाम्स में से किसी एक के थ्रू इंडियन आर्मी में एंट्री लेवल पोस्ट पर ज किया जाता है और फिर कुछ सालों की सर्विस के बाद प्रमोशनल एग्जाम्स के थ्रू कैप्टन की पोस्ट तक पहुंचा जा सकता है और अभी जानते हैं इन चार एग्जाम्स के बारे में जिनके जरिए इंडियन आर्मी जवाइन की जा सकती है
नंबर एक पर है एनडीए यानी नेशनल डिफेंस अकेडमी हर साल दो बार कंडक्ट होने वाले इस एग्जाम में अपीयर होने के लिए एस्परेंस का 10+2 क्लास पास होना जरूरी है इस एग्जाम को क्लियर करके आर्मी नेवी और एयरफोर्स में से कोई भी डिफेंस फोर्स जवाइन की जा सकती है और आर्मी जवाइन करने के लिए उसे फर्स्ट प्रेफरेंस में रखना होगा इस एग्जाम में अपीयर होने के लिए एज लिमिट 16.5 से 19.5 इयर्स होती है कैंडिडेट्स का इंडियन सिटीजन होना अनमैरिड होना और फिजिकली एंड मेंटली फिट होना भी जरूरी होता है
नंबर दो सीडीएस यानी कंबाइ डिफेंस सर्विसेस साल में दो बार यूपीएससी द्वारा कंडक्ट किए जाने वाले इस एग्जाम में अपीयर होने के लिए एस्परेंस का ग्रेजुएट होना जरूर जरूरी होता है फाइनल ईयर स्टूडेंट्स भी इसमें अपीयर हो सकते हैं इसके लिए एज लिमिट 19 से 24 साल होती है और कैंडिडेट्स इंडियन सिटीजन होने चाहिए या सिटीजनशिप के सभी क्राइटेरिया सभी कंडीशंस को फुलफिल करने चाहिए कैंडिडेट्स का अनमैरिड होना और फिजिकली और मेंटली फिट होना भी जरूरी है
नंबर तीन टी ईएस यानी टेक्निकल एंट्री स्कीम ऐसे कैंडिडेट जिन्होंने 12th क्लास पीसीएम यानी फिजिक्स केमिस्ट्री और मैथमेटिक्स सब्जेक्ट्स के साथ मिनिमम 70% मार्क्स से पास की हो ऐसे कैंडिडेट्स इस स्कीम के थ्रू इंडियन आर्मी में एंट्री ले सकते हैं इस स्कीम की रिक्वायरमेंट है कि कैंडिडेट ने जेईई मेंस एग्जाम अच्छी रैंक से क्लियर किया हो इस स्कीम के लिए एज लिमिट 16.5 से 19.5 इयर्स होती है और कैंडिडेट का सिलेक्शन इंटरव्यू बेसिस पर होता है यह सिलेक्शन इंडियन आर्मी में टेक्निकल सर्विसेस के लिए होता है और यह स्कीम केवल अनमैरिड कैंडिडेट्स के लिए ओपन होती है इसमें सिलेक्ट होने वाले कैंडिडेट्स को बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग के बाद आर्मी के इंजीनियरिंग कोर्स में एडमिशन मिलता है और कोर्स कंप्लीशन के बाद उन्हें डायरेक्टली लेफ्टिनेंट की पोस्ट पर अपॉइंट्स एंस गेन करके प्रमोशनल एग्जाम्स क्लियर करके कैप्टन की रैंक तक पहुंचा जाता है
नंबर चार टीजीसी यानी टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स यह सिलेक्शन भी इंडियन आर्मी में टेक्निकल सर्विसेस के लिए होता है बीई या बीटेक करने वाले स्टूडेंट्स यानी इंजीनयरिंग ग्रैजुएट्स इसमें अपीयर हो सकते हैं और इसके लिए एज लिमिट 20 से 27 साल होती है कैंडिडेट्स को सिटीजनशिप का क्राइटेरिया फुलफिल करना जरूरी होता है और फिटनेस का भी केवल अनमैरिड कैंडिडेट्स इसमें अप्लाई कर सकते हैं और एकेडमिक क्वालीफिकेशंस और कट ऑफ मार्क्स के बेस पर कैंडिडेट शॉर्टलिस्ट किए जाते हैं और इंटरव्यू के बेस पर सिलेक्ट किए जाते हैं इसे क्लियर करके कैंडिडेट्स ट्रेनिंग कंप्लीट करते हैं और लेफ्टिनेंट की रैंक पर पहुंचते हैं जिसके बाद कुछ सालों की सर्विस कंप्लीट होने पर वह कैप्टन की पोस्ट तक पहुंच सकते हैं
यह है वह चार एग्जाम्स और सिलेक्शन के प्रोसेसेस जिनमें से दो एग्जाम एनडीए और टीईएसबीएल टीजीसी ग्रेजुएशन के बाद अप्लाई करने वाले एग्जाम और सिलेक्शन प्रोसेस हैं इनमें से कोई भी एक एग्जाम या प्रोसेस क्लियर करके एलिजिबल कैंडिडेट्स इंडियन आर्मी में एंटर हो सकते हैं और कुछ सालों की सर्विस के बाद कैप्टन की पोस्ट के लिए एलिजिबल हो सकते हैं इस पूरे प्रोसेस में कैंडिडेट को इंटरव्यू साइकोलॉजिकल टेस्ट रिटर्न टेस्ट ग्रुप एक्सरसाइज और फिजिकल एफिशिएंसी टेस्ट से गुजरना होता है अपने डेडिकेशन डिसिप्लिन और सर्विस इयर्स के बेस पर प्रमोशनल एग्जाम्स क्लियर करते हुए एक कैप्टन आगे मेजर और लेफ्टिनेंट कर्नल जैसी हायर रैंकिंग पर भी पहुंच सकता है यानी इंडियन आर्मी जॉइन करके खुद को देश की सेवा में समर्पित करने का इरादा हो और पूरी शिद्ध से अपनी रैंक पर रहते हुए वर्क किया जाए तो ऊंची से ऊंची रैंकिंग तक पहुंचा जा सकता है
इसलिए डेडिकेशन को शुरू से आखिर तक बनाए रखिए क्योंकि आर्मी में सबसे अहम आपका जज्बा और इरादा ही होता है फिर चाहे बात तरक्की की हो या देशभक्ति की